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मुहावरे (Idioms)

विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते है। मुहावरा पूर्ण वाक्य नहीं होता, इसीलिए इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता । 'मुहावरा' शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है- अभ्यास। मुहावरा अतिसंक्षिप्त रूप में होते हुए भी बड़े भाव या विचार को प्रकट करता है।
भाषा को सुंदर बनाने के लिए वाक्य में मुहावरों का प्रयोग माना जाता है। ये भाषा को सजीव, प्रवाहपूर्ण एवं आकर्षक बनाने में सहायक होते हैं। यही कारण है कि हिन्दी भाषा में मुहावरों का प्रयोग अक्सर होता है।

हिंदी भाषा में प्रयोग होने वाले कुछ प्रसिद्ध मुहावरे -

1-खून का प्यासा -जानी दुश्मन होना
उसकी क्या बात कर रहे हो, वह तो मेरे खून का प्यासा हो गया है।

2-खटाई में पड़ना -झमेले में पड़ना
बात तय थी, लेकिन ऐन मौके पर उसके मुकर जाने से सारा काम खटाई में पड़ गया।

3-खेल खेलाना -परेशान करना
खेल खेलाना छोड़ो और साफ-साफ कहो कि तुम्हारा इरादा क्या है।

4-खटाई में डालना -किसी काम को लटकाना
उसनेतो मेरा काम खटाई में डाल दिया। अब किसी और से कराना पड़ेगा।

5-खबर लेना -सजा देना या किसी के विरुद्ध कार्यवाई करना
उसने मेरा काम करने से इनकार किया हैं, मुझे उसकी खबर लेनी पड़ेगी।

6-खाक में मिलना -सब कुछ नष्ट हो जाना
बाढ़ आने पर उसका सब कुछ खाक में मिल गया।

7-खाने को दौड़ना -बहुत क्रोध में होना
मैं अपने ताऊजी के पास नहीं जाऊँगा, वे तो हर किसी को खाने को दौड़ते हैं।

8-खार खाना -ईर्ष्या करना
वह तो मुझसे खार खाए बैठा हैं, वह मेरा काम नहीं करेगा।

9-खिचड़ी पकाना -गुप्त बात या कोई षड्यंत्र करना
छात्रों को खिचड़ी पकाते देख अध्यापक ने उन्हें डाँट दिया।

10-खीरे-ककड़ी की तरह काटना -अंधाधुंध मारना-काटना
1857 की लड़ाई में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों को खीरे-ककड़ी की तरह काट दिया था।

11-खूँटा गाड़ना -रहने का स्थान निर्धारित करना
उसने तो यहीं पर खूँटा गाड़ लिया हैं, लगता हैं जीवन भर यहीं रहेगा।

12- खून-पसीना एक करना -बहुत कठिन परिश्रम करना
रामू खून-पसीना एक करके दो पैसे कमाता हैं।

13-खून के आँसू रुलाना -बहुत सताना या परेशान करना
रामू कलियुगी पुत्र हैं, वह अपने माता-पिता को खून के आँसू रुला रहा हैं।

14-खून सवार होना -बहुत क्रोध आना
उसके ऊपर खून सवार हैं, आज वह कुछ भी कर सकता हैं।

15-खून पीना -शोषण करना
सेठ रामलाल जी अपने कर्मचारियों का बहुत खून चूसते हैं।

16-ख्याली पुलाव पकाना -असंभव बातें करना
अरे भाई! ख्याली पुलाव पकाने से कुछ नहीं होगा, कुछ काम करो।

17- खून ठण्डा होना -उत्साह से रहित होना या भयभीत होना
आतंकवादियों को देखकर मेरा तो खून ठण्डा पड़ गया।
18-खेल बिगड़ना -काम बिगड़ना
अगर पिताजी ने साथ नहीं दिया तो हमारा सारा खेल बिगड़ जाएगा।

19-खोपड़ी खाना या खोपड़ी चाटना -बहुत बातें करके परेशान करना
अरे भाई! मेरी खोपड़ी मत खाओ, जाओ यहाँ से।

20-खोज खबर लेना -समाचार मिलना
मदन के दादा जी घर छोड़कर चले गए। बहुत से लोगों ने उनकी खोज खबर ली तो भी उनका पता नहीं चला।

21-गले का हार होना -बहुत प्यारा
लक्ष्मण राम के गले का हर थे।

22-गड़े मुर्दे उखाड़ना -दबी हुई बात फिर से उभारना
जो हुआ सो हुआ, अब गड़े मुर्दे उखारने से क्या लाभ ?

23-गागर में सागर भरना -एक रंग -ढंग पर न रहना
उसका क्या भरोसा वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है।

24-गुल खिलना -नयी बात का भेद खुलना, विचित्र बातें होना
सुनते रहिये, देखिये अभी क्या गुल खिलेगा।

25-गिरगिट की तरह रंग बदलना -बातें बदलना
गिरगिट की तरह रंग बदलने से तुम्हारी कोई इज्जत नहीं करेगा।

26-गाल बजाना -डींग हाँकना
जो करता है, वही जानता है। गाल बजानेवाले क्या जानें ?

27-गुस्सा पीना -क्रोध दबाना
गुस्सा पीकर रह गया। चाचा का वह मुँहलगा न होता, तो उसकी गत बना छोड़ता।

28-गुदड़ी का लाल -गरीब के घर में गुणवान का उत्पत्र होना
अपने वंश में प्रेमचन्द सचमुच गुदड़ी के लाल थे।

29-गाँठ में बाँधना -खूब याद रखना
यह बात गाँठ में बाँध लो, तन्दुरुस्ती रही तो सब रहेगा।

30-गुड़ गोबर करना -बनाया काम बिगाड़ना
वीरू ने जरा-सा बोलकर सब गुड़-गोबर कर दिया।

31-गुरू घंटाल -दुष्टों का नेता या सरदार
अरे भाई, मोनू तो गुरू घंटाल है, उससे बचकर रहना।

32-गच्चा खाना -धोखा खाना
रामू गच्चा खा गया, वरना उसका कारोबार चला जाता।

33-गजब ढाना -कमाल करना
लता मंगेशकर ने तो गायकी में गजब ढा दिया हैं।

34-गधा बनाना - मूर्ख बनाना
अप्रैल फूल डे वाले दिन मैंने रामू को खूब गधा बनाया।

35-गधे को बाप बनाना-काम निकालने के लिए मूर्ख की खुशामद करना
रामू गधे को बाप बनाना अच्छी तरह जानता हैं।

36-गर्दन ऐंठी रहना -घमंड या अकड़ में रहना

सरकारी नौकरी लगने के बाद तो उसकी गर्दन ऐंठी ही रहती हैं।

37-गरम होना -क्रोधित होना
अंजू की दादी जरा-जरा सी बात पर गरम हो जाती हैं।

38-गला काटना -किसी की ठगना
कल अध्यापक ने बताया कि किसी का गला काटना बुरी बात हैं।

39-गला पकड़ना -किसी को जिम्मेदार ठहराना
गलती चाहे किसी की हो, पिताजी मेरा ही गला पकड़ते हैं।

40-गला फाड़ना -जोर से चिल्लाना
राजू कब से गला फाड़ रहा है कि चाय पिला दो, पर कोई सुनता ही नहीं।

41-गले पड़ना -पीछे पड़ना
मैंने उसे एक बार पैसे उधार क्या दे दिए, वह तो गले ही पड़ गया।

42-गले न उतरना -पसन्द नहीं आना
मुझे उसका काम गले हीं उतरता, वह हर काम उल्टा करता हैं।

43-गाजर-मूली समझना -तुच्छ समझना
मोहन ने कहा कि उसे कोई गाजर-मूली न समझे, वह बहुत कुछ कर सकता है।

44-गाढ़ी कमाई -मेहनत की कमाई
ये मेरी गाढ़ी कमाई है, अंधाधुंध खर्च मत करो।

45-गाल फुलाना -रूठना
अंशु सुबह से ही गाल फुलाकर बैठी हुई है।
46-गुल खिलाना -बखेड़ा खड़ा करना
यह लड़का जरूर कोई गुल खिला कर आया है तभी चुप बैठा है।

47-गुलछर्रे उड़ाना -मौजमस्ती करना
मित्र, परीक्षाएँ नजदीक हैं और तुम गुलछर्रे उड़ा रहे हो।

48-गोता मारना -गायब या अनुपस्थित होना
अरे मित्र! तुमने दो दिन कहाँ गोता मारा, नजर नहीं आए।

49-गोद सूनी होना -संतानहीन होना
जब तुम्हारी गोद सूनी है तो किसी बच्चे को गोद क्यों नहीं ले लेते ?

50-गोबर गणेश -मूर्ख
वह तो एकदम गोबर गणेश है, उसकी समझ में कुछ नहीं आता।

51-गोलमाल करना -काम बिगाड़ना/गड़बड़ करना
मुंशी जी ने सेठ जी का सारे हिसाब-किताब का गोलमाल कर दिया।

52-गीदड़भभकी- मन में डरते हुए भी ऊपर से दिखावटी क्रोध करना
53-गढ़ा खोदना- हानि पहुँचाने का उपाय करना
54-घर का न घाट का -कहीं का नहीं
कोई काम आता नही और न लगन ही है कि कुछ सीखे-पढ़े। ऐसा घर का न घाट का जिये तो कैसे जिये।

55-घाव पर नमक छिड़कना -दुःख में दुःख देना
राम वैसे ही दुखी है, तुम उसे परेशान करके घाव पर नमक छिड़क रहे हो।

56-घोड़े बेचकर सोना -बेफिक्र होना
बेटी तो ब्याह दी। अब क्या, घोड़े बेचकर सोओ।

57-घी के दीए जलाना -अप्रत्याशित लाभ पर प्रसत्रता
जिससे तुम्हारी बराबर ठनती रही, वह बेचारा कल शाम कूच कर गया। अब क्या है, घी के दीये जलाओ।

58-घर बसाना -विवाह करना
उसने घर क्या बसाया, बाहर निकलता ही नहीं।

59-घात लगाना -मौका ताकना
वह चोर दरवान इसी दिन के लिए तो घात लगाये था, वर्ना विश्र्वास का ऐसा रँगीला नाटक खेलकर सेठ की तिजोरी-चाबी तक कैसे समझे रहता ?

60-घाट-घाट का पानी पीना -हर प्रकार का अनुभव होना
मुन्ना घाट-घाट का पानी पिए हुए है, उसे कौन धोखा दे सकता है।

61-घर का बोझ उठाना -घर का खर्च चलाना या देखभाल करना
बचपन में ही अपने पिता के मरने के बाद राकेश घर का बोझ उठा रहा है।

62-घर में आग लगाना -परिवार में झगड़ा कराना
वह तो सबके घर में आग लगाता फिरता हैं इसलिए उसे कोई अपने पास नहीं बैठने देता।

63-घर में भुंजी भाँग न होना -बहुत गरीब होना
रामू के घर में भुंजी भाँग नहीं हैं और बातें करता है नवाबों की।

64-घाव पर मरहम लगाना -सांत्वना या तसल्ली देना
दादी पहले तो मारती है, फिर घाव पर मरहम लगाती है।

65-घाव हरा होना -भूला हुआ दुःख पुनः याद आना
राजा ने अपने मित्र के मरने की खबर सुनी तो उसके अपने घाव हरे हो गए।

66-घास खोदना -तुच्छ काम करना
अच्छी नौकरी छोड़ के राजू अब घास खोद रहा है।

67-घास न डालना -सहायता न करना या बात तक न करना
मैनेजर बनने के बाद राजू अब मुझे घास नहीं डालता।

68-घी-दूध की नदियाँ बहना -समृद्ध होना
श्रीकृष्ण के युग में हमारे देश में घी-दूध की नदियाँ बहती थीं।

69-घुटने टेकना -हार या पराजय स्वीकार करना
संजू इतनी जल्दी घुटने टेकने वाला नहीं है, वह अंतिम साँस तक प्रयास करेगा।

70-घोड़े पर सवार होना -वापस जाने की जल्दी में होना
अरे मित्र, तुम तो सदैव घोड़े पर सवार होकर आते हो, जरा हमारे पास भी बैठो।

71-घर उजड़ना -गृहस्थी चौपट हो जाना
रामनायक की दुर्घटना में मृत्यु क्या हुई, दो महीने में ही उसका सारा घर उजड़ गया।

72-घिग्घी बँध जाना -डर के कारण आवाज न निकलना
वैसे तो रोहन अपनी बहादुरी की बहुत डींगे मारता है पर कल रात एक चोर को देखकर उसकी घिग्घी बँध गई।

73-घुट-घुट कर मरना-असहय कष्ट सहते हुए मरना
गरीबों पर अत्याचार करने वाले घुट-घुट कर मरेंगे।

74-चल बसना -मर जाना
बेचारे का बेटा भरी जवानी में चल बसा।

75-चार चाँद लगाना
चौगुनी शोभा देना
निबन्धों में मुहावरों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाता है।

76-चिकना घड़ा होना -बेशर्म होना
तुम ऐसा चिकना घड़ा हो तुम्हारे ऊपर कहने सुनने का कोई असर नहीं पड़ता।

77-चैन की बंशी बजाना -मौज करना
आजकल राम चैन की बंशी बजा रहा है।

78-चार दिन की चाँदनी -थोड़े दिन का सुख
राजा बलि का सारा बल भी जब चार दिन की चाँदनी ही रहा, तो तुम किस खेत की मूली हो ?

79-चूँ न करना -सह जाना, जवाब न देना
वह जीवनभर सारे दुःख सहता रहा, पर चूँ तक न की।

80-चादर से बाहर पैर पसारना -आय से अधिक व्यय करना
डेढ़ सौ ही कमाते हो और इतनी खर्चीली लतें पाल रखी है। चादर के बाहर पैर पसारना कौन-सी अक्लमन्दी है ?

81-चूड़ियाँ पहनना -स्त्री की-सी असमर्थता प्रकट करना
इतने अपमान पर भी चुप बैठे हो! चूड़ियाँ तो नहीं पहन रखी है तुमने ?

82-चहरे पर हवाइयाँ उड़ना -डरना, घबराना
साम्यवाद का नाम सुनते ही पूँजीपतियों के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगती है।

83-चम्पत हो जाना -भाग जाना
जब काम करने की बारी आई तो राजू चंपत हो गया।

84-चकमा देना -धोखा देना
वह बदमाश मुझे धोखा देकर भाग गया।

85-चमड़ी उधेड़ना या खींचना -बहुत पीटना
राजू, तुमने दुबारा मुँह खोला तो मैं तुम्हारी चमड़ी उधेड़ दूँगा।

86-चरणों की धूल -तुच्छ व्यक्ति
हे प्रभु! मैं तो आपके चरणों की धूल हूँ, मुझ पर दया करो।

87-चाँद का टुकड़ा -बहुत सुन्दर
रामू का पुत्र तो चाँद का टुकड़ा है, वह उसे प्रतिदिन काला टीका लगाता है।

88-चादर देखकर पाँव पसारना -आमदनी के अनुसार खर्च करना
पिताजी ने मुझसे कहा कि आदमी को चादर देखकर पाँव पसारने चाहिए, वरना उसे पछताना पड़ता है।

89-चिराग लेकर ढूँढना -बहुत छानबीन या तलाश करना
मैंने माँ से कहा कि राजू जैसा मित्र तो चिराग लेकर ढूँढ़ने से भी नहीं मिलेगा, इसलिए मैं उसे अपने घर लाया हूँ।

90-चिल्ल-पौं मचना
शोरगुल हो
जब कक्षा में अध्यापक नहीं होते तो चिल्ल-पौं मच जाती है।

91-चींटी के पर निकलना -मृत्यु के निकट पहुँचना
रामू ने जब ज्यादा आतंक मचाया तो मैंने कहा- लगता है, अब चींटी के पर निकल आए हैं।

92-चुटकी लेना -हँसी उड़ाना
जब रमेश डींग मारता है तो सभी उसकी चुटकी लेते हैं।

93-चुटिया हाथ में लेना -पूर्णरूप से नियंत्रण में होना
मित्र, उस बदमाश की चुटिया मेरे हाथ में हैं। तुम फिक्र मत करो।

94-चुल्लू भर पानी में डूब मरना -अत्यन्त लज्जित होना
जब सबके सामने राजू का झूठ पकड़ा गया तो उसके लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात हो गई।

95-चूना लगाना -ठगना
कल एक अनजान आदमी गोपाल को 100 रुपए का चूना लगा गया।

96-चूहे-बिल्ली का बैर -स्वाभाविक विरोध
राम और मोहन में तो चूहे-बिल्ली का बैर है। दोनों भाई हर समय झगड़ते रहते हैं।

97-चेहरे का रंग उड़ना -निराश होना
जब रानी को परीक्षा में फेल होने की सूचना मिली तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया।

98-चोटी और एड़ी का पसीना एक करना -खूब परिश्रम करना
मुकेश ने नौकरी के लिए चोटी और एड़ी का पसीना एक कर दिया हैं।

99-चोली-दामन का साथ -काफी घनिष्ठता
धीरू और वीरू का चोली-दामन का साथ है।

100-चप्पा-चप्पा छान डालना -हर जगह जाकर देख आना
पुलिस ने जंगल का चप्पा-चप्पा छान मारा लेकिन चोरों का सुराग न मिला।

101-चरबी चढ़ना -मदांध होना
लॉटरी लगते ही प्रमोद पर चरबी चढ़ गई है, दूसरों को कुछ समझता ही नहीं है।

102-अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - स्वयं अपनी प्रशंसा करना
- अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता।

103-अक्ल का चरने जाना - समझ का अभाव होना - इतना भी समझ नहीं सके,क्या अक्ल चरने गई है?

104-अपने पैरों पर खड़ा होना - स्वालंबी होना
युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए।

105-अक्ल का दुश्मन -मूर्ख
आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो।

106-अपना उल्लू सीधा करना -मतलब निकालना
-आजकल के नेता अपना अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते हैं।

107-आँखे खुलना -सचेत होना
ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखें खुलती हैं।

108-आँख का तारा -बहुत प्यारा
-आज्ञाकारी बच्चा माँ-बाप की आँखों का तारा होता है।

109-आँखे दिखाना - बहुत क्रोध करना -
- राम से मैंने सच बातें कह दी , तो वह मुझे आँख दिखाने लगा।

110-आसमान से बातें करना - बहुत ऊँचा होना
-आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है।

111- ईंट से ईंट बजाना पूरी तरह से नष्ट करना
- राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।

112-ईंट का जबाब पत्थर से देना जबरदस्त बदला लेना
-भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा।

113-ईद का चाँद होना बहुत दिनों बाद दिखाई देना
-तुम तो दिखाई ही नहीं देते, लगता है कि ईद के चाँद हो गए हो।

114-उड़ती चिड़िया पहचानना -रहस्य की बात दूर से जान लेना
- वह इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती।

115-उन्नीस बीस का अंतर होना - बहुत कम अंतर होना
राम और श्याम की पहचान कर पाना बहुत कठिन है ,क्योंकि दोनों में उन्नीस- बीस का ही अंतर है।

116-उलटी गंगा बहाना - अनहोनी हो जाना
राम इतना गुस्सैल है कि किसी से प्रेम से बात कर ले, तो समझो उलटी गंगा बह जाए।

117-ख़ाक छानना -भटकना-
-नौकरी की खोज में वह खाक छानता रहा।

118-खून-पसीना एक करना -अधिक परिश्रम करना
खून पसीना एक करके विद्यार्थी अपने जीवन में सफल होते है।

119-खरी-खोटी सुनाना -भला-बुरा कहना
कितनी खरी-खोटी सुना चुका हुँ, मगर बेकहा माने तब तो ?

120-खून खौलना (क्रोधित होना)-
झूठ बातें सुनते ही मेरा खून खौलने लगता है।